प्रदेश में पुलिस बल की भारी कमी देखने को मिल रही है। वर्तमान में पुलिस विभाग में 19,000 पद रिक्त हैं। हाल ही में 3,500 कांस्टेबलों की भर्ती की गई, लेकिन अभी भी 15,375 पुलिसकर्मियों की आवश्यकता बनी हुई है।
संयुक्त राष्ट्र मानक से राज्य में पुलिस बल की भारी कमी
संयुक्त राष्ट्र के मानकों के अनुसार, प्रति लाख जनसंख्या पर 222 पुलिसकर्मी होने चाहिए, लेकिन राजस्थान में यह संख्या काफी कम है। पुलिस विभाग के स्वीकृत 1,16,217 पदों में से 97,375 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।
आईपीएस और आरपीएस के भी पद खाली
प्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 222 स्वीकृत पदों में से 27 खाली पड़े हैं। इसी तरह, राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) के 1,127 स्वीकृत पदों में से 251 पद रिक्त हैं।
सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल के पदों पर सबसे ज्यादा कमी
राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के 12,056 स्वीकृत पद हैं, लेकिन इनमें से 4,767 पद रिक्त हैं। वहीं, सबसे अधिक कमी कांस्टेबल पदों पर देखी जा रही है, जहां 75,625 स्वीकृत पदों में से 3,767 पद खाली हैं।
जिले और थानों में पुलिसकर्मियों की भारी कमी
प्रदेश के बांसवाड़ा जिले में 21 थानों में 822 जवानों की कमी दर्ज की गई है। यही हाल प्रदेश के अन्य जिलों का भी है, जहां पुलिस बल की भारी कमी के कारण कानून-व्यवस्था बनाए रखना चुनौती बन रहा है।
प्रदेश में अपराधों पर असर
विशेषज्ञों के अनुसार, पुलिसकर्मियों की कमी के चलते कई मामलों की जांच में देरी हो रही है। वर्तमान में पुलिस पर तीन लाख से अधिक केस लंबित हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है।